आज कल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में में शुद्धता और स्वास्थ्य बहुत पीछे छूट गया है। आज के 25 से 30 वर्ष पूर्व जो कैंसर (Cancer) का रोग दुर्लभ माना जाता था। वह आज आम हो चूका है।
कैंसर के मुख्य कारण (Main Causes of Cancer)
- तंबाकू का सेवन
- अधिक मात्रा में शराब का सेवन
- इन्फेक्शन्स जैसे : (Hepatitis B, Hepatitis C, HPV, HIV)
- उम्र का बढ़ना
- अनहेल्दी लाइफस्टाइल (Unhealthy Lifestyle) जिसमे गतिहीनता (Immobility)
- पौष्टिक भोजन की कमी
- पौष्टिक भोजन की कमी
- केमिकल और प्रेज़रवेटिव (Preservative ) मिली खाद्य सामग्री का अधिक मात्रा में सेवन
- केमिकल और रेडिएशन (Radiation) के संपर्क में आने से
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से कैसे बचा जा सकता है। (How Can a Serious Disease like Cancer be Avoided?)
- तम्बाकू, शराब या किसी भी प्रकार के कैंसर (Cancer) की कोशिकाओं को उत्तेजित करने वाले नशे के सेवन से बचे।
- पर्याप्त मात्रा में नींद लेना अत्यंत आवश्यक है।
- मिट्टी के घड़े का पानी पीना सबसे श्रेष्ठ है। RO का TDS 125 से 300 के बीच में रखे, इससे कम ना रखे।
- अधिक मात्रा में नमक और चीनी के सेवन से बचे।
- गेहूँ और सफ़ेद चावल के स्थान पर मिलेट्स जैसे : मक्का, बाजरा, रागी, जौ, चना, ज्वार, लाल चावल का सेवन उत्तम है। यह पौष्टिक, पचने में आसान और इम्युनिटी को बढ़ाने वाला होता है।
- मिट्टी के बर्तन में जमाया हुआ दही, शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक और रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला होता है। इसमें नमक और अन्य प्रकार के मसाले न मिलाये।
- लम्बे समय तक फ्रिज में रखी हुई और बासी चीज़ो का प्रयोग ना करे।
- मैदा से बनी चीज़े और बाहर की जिन चीज़ो में प्रेज़रवेटिव का इस्तेमाल होता है, उनके सेवन से बचे।
- कालीमिर्च, अदरक, तुलसी, हल्दी, धनिया, जीरा, राई, अजवायन, हींग आदि मसलो का भोजन में सही तरीके से प्रयोग करने से भोजन के गुण बढ़ जाते है, और मनुष्य की रोगप्रतिरोधक (Immunity) भी बढ़ जाती है।
- लम्बे समय तक भूखे ना रहे।
- मंजन भारतीय पद्दति जिसमे नीम की दातून, हल्दी नमक के मिश्रण आदि से करना श्रेष्ठ है। टूथपेस्ट में सोडियम मोनोफ्लुरोफॉस्फेट (Sodium Monoflurophosphate) होता है जो कैंसर कारक होता है। इसलिए मंजन करने के लिए टूथपेस्ट बहुत कम मात्रा में ले।
- मौसमी फल और औषधियों का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। शरीर को गंभीर रोगो के खतरे से बचाता है। जैसे प्रसव के बाद महिलाओं को दी जाने वाली औषधियाँ जिसमे सौंठ, अजवायन, दशमूल, कमरकस। इसके अलावा सर्दियों में खाये जाने वाले गोंद के लड्डू, मैथी के लड्डू आदि। अगर महिलाएं नियमित रूप से शतावरी का सेवन करे तो उनका महिलाओं में होने वाली बीमारियों के साथ साथ कैंसर से भी बचाव होगा।
- वही पुरुष यदि सर्दियों में गोंद के लड्डू, और नियमित रूप से अश्वगंधा, सफ़ेद मुसली, गोंद कतीरा जैसी औषधियों का नियमित रूप से सेवन करे। लंगोट पहने और वृद्धावस्था में अर्जुन के छाल के काढ़े का प्रयोग करे तो पुरुषो में होने वाले कैंसर से बहुत अधिक स्तर तक कैंसर से बच सकते है।
- भोजन पौष्टिक ले भोजन में फल, सब्जी, दूध, दही, छाछ की मात्रा अधिक हो। अनाज की मात्रा कम हो। सदैव भूख से कम ही भोजन करे। रात्रि में भोजन हल्का और सोने से कम से कम 3 घंटे पूर्व कर ले। सोते समय दूध लेना उत्तम है।
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इसके सबके साथ आयुर्वेद की सबसे बड़ी औषधि “लंघनं परम् औषधं” मतलब Fasting is the best medicine (Fasting करना श्रेष्ठ औषधि है)। जैसा की आयुर्वेद के ग्रंथो में लिखा हुआ है, वैसा ही 2016 में अपनी खोज के लिए नोबेल पुरुस्कार जितने वाले वैज्ञानिक “योशिनोरि ओहसुमि” की खोज जिसे Autophagy का नाम दिया गया है। उसमे कहा गया है की यदि हम महीने में 1 से 2 बार 24 से 36 घंटे के लिए फास्टिंग करे, और जहा तक हो सके उसमे केवल पानी का सेवन करे तो हमारे शरीर में कैंसर और अन्य बीमारियां जैसे कोलेस्ट्रॉल होने का खतरा बहुत ही कम हो जायेगा। क्योंकि Fasting के दौरान हमारा शरीर कोलेस्ट्रॉल और बीमारी पैदा करने वाली कोशिकाओं को ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है। इससे हम कैंसर (Cancer) और अन्य गंभीर रोगो से बचे रहते है।
तो इस तरीके से हम भारतीय जीवनशैली से हम कैंसर (Cancer) जैसे गंभीर रोगो से बच सकते है