Benefits of Pineapple: अन्नानास खट्टा-मीठा, सोंधा और तीखे स्वाद वाला यह फल अपनी तासीर और फायदों के लिए प्रसिद्ध है। यह गर्मियों से बारिशों के बीच बड़ी तादाद में उपलब्ध रहता है।
Introduction
अन्नानास ब्रोमीलीआ (आपनस) नामक विशाल वनस्पति कुल का सदस्य है। इसका वनस्पतिक नाम ‘अनानास कोमोसस’ है। भारत में अनानास 1550 ई॰ के आसपास समुंद्री यात्रा करने वाले पुर्तग़ालियों के माध्यम से पंहुचा। इसके गुणों और उपयोगिता को देखते हुए 16वी शताब्दी के मध्य में यूरोप के विभिन्न भागों, विशेषत: इंग्लैंड और फ्रांस में इसकी खेती व्यापक पैमाने पर प्रारंभ हो गयी।
अन्नानास के गुण (Benefits of Pineapple)
कहते है की अन्ननास के जितने उपयोग होते है, उतनी ही इसकी आँखें भी होती है। स्वादिष्ट होने के साथ साथ यह Vitamin ‘A’, Vitamin ‘C’ तथा कुछ हद तक विटामिन ‘B’ का भी उत्तम स्त्रोत है। इसका रस पाचन शक्ति में सहायक होता है तथा अम्लजनित बदहज्मी में राहत पहुंचाता है। परंपरागत घरेलू दवा के तौर पर बच्चों के पेट में उत्पन्न होने वाली कृमियों को नष्ट करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।
अन्ननास में ट्रीप्टोफन नामक एमिनो एसिड पाया जाता है, ट्रीप्टोफन मूड बुस्टिंग न्यूरोट्रांस्मीटर ‘सेरोटोनिन’ बनाने में बहुत मददगार होता है। इसलिए यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उपयोगी फल है।
फल के अतरिक्त इसके पत्तों का उपयोग भी कोई कम नही है। इसके पत्ते सख्त होते है। इनके रेशे से महीन अर्ध पारदर्शी कपडा बुना जाता है। चीन में इन रेशो को तिनको और बांस के साथ मिश्रित करके कागज बनाया जाता है। जिनपर बड़ी सुन्दर चित्रकारी की जाती है।
इससे बने उत्पादों का प्रयोग इसके रस से बने उत्पादों का भी तरल चीनी के रूप में या सलकोबिर्क अम्ल तथा पेय एवं चिकित्सीय उपयोग की दृष्टि से सिट्रिक अम्ल के तौर पर प्रयोग किया होता है। इसके एसेन्स का स्वाद तथा सुगंध के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका मुर्राबा भी बहुत स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है।
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