Little Millet in Hindi: कुटकी जो हेल्थ को करें बेहतर

लिटिल मिलेट (Little Millet) की खेती भारत में ज्यादातर गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और बिहार के कुछ क्षेत्रों में की जाती है। लिटिल मिलेट को हिंदी में कुटकी कहा जाता है। कुटकी (Kutki) एक प्रकार का प्रोसो मिलेट की प्रजाति का प्रकार है। कुटकी का आकार छोटे दानेदार अनाज जैसा होता है। इस आर्टिकल में, हम आपको कुटकी हिंदी में (Little Millet in Hindi) विस्तार से बतायेंगे। यहां हम लिटिल मिलेट खाने के फायदे (little millet benefits), और नुकसान (Little Millet side effects) के बारे में देखेगे।

Little Millet in Hindi

What is Little Millet in Hindi? - लिटिल मिलेट क्या है?

कुटकी (Little Millet) चेने के पौधे जैसा लगता है लेकिन यह आकार में प्रोसो मिलेट से छोटा होता है। यह पॉजिटिव अनाज की श्रेणी में आता है। लिटिल मिलेट का वानस्पतिक नाम पैनिकम सुमाट्रेंस (Panicum Sumatrense) है। इसे छोटा बाजरा भी कहा जाता है। यह खाने में मीठे होते है। कुटकी को सूखे और पानी वाले दोनों क्षेत्रों में उगाया जा सकता है। इसमें अधिक मात्रा फाइबर पाया जाता है। यह पोषण तत्वों से भरपूर होता है। कुटकी को अलग-अलग जगह अलग-अलग भाषाओं में बोला जाता है।

Other Name of Little Millet - कुटकी के अन्य नाम

Little Millet in Hindiकुटकी
Little Millet in Tamilसमई
Little Millet in Teluguसमालु
Little Millet in Kannadaसामी
Little Millet in Marathiसवा
Little Millet in Bangaliसामा
Little Millet in Malyalamचामा
Little Millet in Gujaratiगजरो
Little Millet in Panjabiश्वांक

Little Millet Nutritional - कुटकी के पोषण तत्व

अब बात करें कुटकी के पोषण तत्व कि तो इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी-6, एमिनो एसिड, थायमिन, फिनोल, आदि पाये जाते है। लिटिल मिलेट को सभी आयुवर्ग के लोग खा सकते है।

Little Millet Nutritional Value Per 100 Grams - प्रति 100 ग्राम कुटकी पोषण मूल्य

पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम
पोषक तत्वप्रति 100 ग्राम
ऊर्जा314 केसीएएल
प्रोटीन10.13 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट65.55 ग्राम
क्रूड फाइबर7.72 मिलीग्राम
कैल्शियम32.00 मिलीग्राम
आइरन1.30 मिलीग्राम

स्रोत: - APEDA.GOV.IN

Benefits of Little Millet in Hindi - कुटकी (Little Millet) खाने के फायदे

  • Little Millets for Digestive System: इसमें भरपूर रूप से फाइबर होता है, जो पाचन में सहायता करता है और कब्ज को रोकने में मदद करता है, जिससे आपका पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
  • Little Millets for Weight Loss: इसमें उच्च फाइबर पाये जाने के कारण यह वेट कम करने में मदद करता है। कुटकी खाने के बाद आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है।
  • Little Millets for Diabetes: इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स पाया जाता है जिस कारण मधुमेह (डायबिटीज) को कण्ट्रोल किया जा सकता है।
  • Little Millets for Heart: लिटिल मिलेट खाने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और हृदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है
  • Little Millets for Cancer: कुटकी खाना कैंसर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है क्योकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स के गुण पाया जाता है। जिस कारण कैंसर के सेलों को बढ़ने से रोकता है और कैंसर पर नियंत्रण करता है।
  • कुटकी आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और बी विटामिन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है
  • माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को कुटकी के सेवन से काफी राहत मिलती है।
  • पुरुष और महिला स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए आप अपनी डेली लाइफ में कुटकी को शामिल कर सकते है। यह इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने में हेल्पफुल हो सकता है।

Side Effects of Little Millet - लिटिल मिलेट (कुटकी) के साइड इफेक्ट्स

  • अगर आपको अनाज से एलर्जी है तो आपको इसका सेवन नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।
  • जैसा आपको पता है किसी भी चीज़ की अति हमेशा बुरा होता है। कुटकी में फाइबर पाया जाता है जो वेट कम करने और पाचन को कण्ट्रोल करता है। लेकिन इसकी अत्यधिक मात्रा से वेट भी बढ़ जाता है और पाचन तंत्र ख़राब भी हो जाता है।
  • लिटिल मिलेट (कुटकी) में धनिये के गुण भी मिलते है जिस कारण थायराइड के मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।
  • जिनके पथरी की समस्या है उन्हें कुटकी का सेवन नहीं करना चाहिए। इनमे ऑक्सलेट्स पाया जाता है जो गुर्दे में पथरी के निर्माण का कारण बन सकते है।

लिटिल मिलेट को संतुलित और सही मात्रा में खाने पर काफी सारे फायदे होते है। अगर आपको किसी भी प्रकार की समस्या है तो इसका सेवन करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए।

How to Consume Little Millet? - लिटिल मिलेट का सेवन कैसे करें ?

जिस प्रकार हम और मोटे अनाज का प्रयोग करते है वैसे ही लिटिल मिलेट का सेवन कर सकते है। लिटिल मिलेट की रोटी बनाकर आप खा सकते है। सर्दियों में कुटकी के लड्डू बनाकर खाया जा सकता है। आपने साउथ इंडिया का इडली और डोसा खाया ही होगा वैसे ही कुटकी से भी इडली और डोसा बनाया जा सकता है। यह स्वाद में काफी टेस्टी होते है। इसके अलावा कुटकी से खिचड़ी, दलिया, उपमा, खीर आदि चीज़े बनाकर खाना भी फायदेमंद होता है। चावल के फुलाव की जगह कुटकी (लिटिल मिलेट) के फुलाव बनाकर खाया जा सकता है।

लिटिल मिलेट से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1. कुटकी में कितना प्रोटीन होता है ?

कुटकी में 10.13 ग्राम प्रोटीन होता है (आईसीएमआर 2018 के अनुसार)

2. लिटिल मिलेट का सेवन कौन कर सकता है ?

लिटिल मिलेट का सेवन सभी कर सकते है। इसे बच्चे से लेकर बुर्जुग तक खा सकते है। लेकिन किसी को कोई बीमारी या किसी प्रकार की समस्या है तो उन्हें डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसे खाना चाहिए।

3. क्या कुटकी का सेवन प्रेगनेंसी के समय किया जा सकता है?

प्रेगनेंसी के समय कुटकी खाने पर एक्सपर्ट के मतभेद पाए जाते है। ऐसा कहा जाता है कि गर्भ में पल रहे बच्चे पर इसका बुरा प्रभाव पाया जा सकता है। इसलिए प्रेगनेंसी में महलाओं को डॉक्टर की सलाह अवश्य लेना ही होगा।

4. लिटिल मिलेट के अन्य क्या-क्या नाम है ?

लिटिल मिलेट को अलग-अलग जगह अलग-अलग नाम से बोला जाता है। जैसे कुटकी, कटुका, समई, समालु, कुरु, कुर्री, सामी, सवा, चामा, हुहुआंग लियान, गजरो, आदि।

5. क्या कुटकी खाने से वजन को कम किया जा सकता है?

बिल्कुल वजन कम किया जा सकता है। इसमें फाइबर और प्रोटीन पाए जाते है। इसके खाने के बाद आपको पेट को भरा हुआ महसूस होता है, और लम्बे टाइम तक भूखे रहे सकते है। इसलिए कुटकी वेट कम करने में बहुत हेल्पफुल होता है।

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